शुक्रवार, 24 अप्रैल 2009

फर्क देख लो

जब तक सबके लिए एक समान शिक्षा नीति लागू नहीं की जाएगी और जब तक गरीबों-अमीरों में भारी अन्तर पैदा करने वाली यह दोहरी शिक्षा नीति लागू रहेगी, तब तक गरीबों के साथ अन्याय होता रहेगा. नेता लोग आरक्षण का विरोध या समर्थन का ढ़ोंग तो करते नजर आते हैं लेकिन कोई नेता या अफसर अपने बेटा-बेटियों को सरकारी स्कूलों में क्यों नहीं पढ़ाता? क्या यह पक्षपात नहीं है?एक पहलवान और एक भूखे पेट गरीब की कुश्ती को कदापि न्याय नहीं कहा जा सकता है.
-सिद्धार्थ कौसलायन आर्य ग्रेटर नौएडा-भारत

(बीबीसी द्वारा छेड़ी गई एक बहस में शामिल होते हुवे)http://newsforums.bbc.co.uk/ws/hi/thread.jspa?sortBy=1&forumID=8570&start=15&tstart=0#paginator (साभार)

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