मौसम पर एक महाप्रयोग होने जा रहा है। अगर अनुसंधान सफल रहा तो बारिश व सूखे के अलावा मौसम के दूसरे पहलुओं पर बीस से तीस दिन तक की दिनवार भविष्यवाणी संभव हो सकेगी। इसे डवलपमेंट एंड एप्लीकेशन आफ एक्सटेंडिड रेंज फारकास्ट सिस्टम फार क्लाइमेट रिस्क मैनेजमेंट इन एग्रीकल्चर का नाम दिया गया है।
इस बाबत विशेषज्ञों की एक बैठक 27 अप्रैल को हैदराबाद में होगी। हिमाचल के जिला कांगड़ा स्थित चौधरी सरवण कुमार कृषि विवि पालमपुर इसमें रिसर्च पार्टनर होगा।
इसमें डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर एंड कोआपरेशन, आईसीएआर,आईआईटी दिल्ली, नेशनल सेंटर फार मीडियम रेंज वेदर फारकास्टिंग व स्पेस एप्लीकेशंज सेंटर के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। इसके अलावा आस्ट्रेलिया, अमेरिका और कई देशों के वैज्ञानिक भी इसमें शामिल होंगे
इस बाबत विशेषज्ञों की एक बैठक 27 अप्रैल को हैदराबाद में होगी। हिमाचल के जिला कांगड़ा स्थित चौधरी सरवण कुमार कृषि विवि पालमपुर इसमें रिसर्च पार्टनर होगा।
इसमें डिपार्टमेंट आफ एग्रीकल्चर एंड कोआपरेशन, आईसीएआर,आईआईटी दिल्ली, नेशनल सेंटर फार मीडियम रेंज वेदर फारकास्टिंग व स्पेस एप्लीकेशंज सेंटर के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। इसके अलावा आस्ट्रेलिया, अमेरिका और कई देशों के वैज्ञानिक भी इसमें शामिल होंगे
(जागरन डाट याहू डाट कॉम पर ख़बर)
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