देखो न
कैसी खुबसूरत खामोशी है
जो पसर रही है
मेरे-तुम्हारे भीतर
के दुनिया दिन-ब-दीन
कितनी खुबसूरत होती जा रही है
पोस्टर पर
मुस्कुरा रहा है मंगलू
नैनो में नैनो चमक रही है
रामू की बस्ती में
एक्वागार्ड छान रहा है प्यास
रिक्शा khhich kar thhaka chainu
brislari se bujhata hai प्यास
बिसेसर की जेब में है टाटा-अम्बानी
हर रोज देस फोन लगा
जोरू को बताता है
दिहाडी के किस्से
गावो के गावो
किंगफिशर पैर मुग्ध है
पुनीत के कुंवे से
पानी नही
कोका-कोला निकलता है
आधी आबादी पड़ती है डीपीएस जैसे स्कूलों में
आधी को
मोबाईल पर abhisek पदाता है
fatichar लोग
chun रहे है ख़ुद के लिए
karodpati sansad-widhayak
सितारे, galiyon-chaurahon पर
भीख mang रहे है
बड़े babu का बेटा
hiro-honda par sawar है
bitiya skuti par farrte bhar रही है
bhikhu chaprasi का बेटा
रोज fast food mangta है
बाप की जेब जो लाल है
कैसे खुबसूरत nazare है दोस्तों
udhar bam
इधर हम
udhar warun lalkar रहे है
इधर jagdish पर wichar रहे है
sanju बाबा की jhhappi-pappi
lalu का thenga
karunauanidhi की yari
bastar में janta bechari
polis naxali दोनों maar रहे है
mulayam के sath kalyan है
adwani-manmohan का bayan है
देखो न doston
कैसी खुबसूरत खामोशी है
जो पसर रही है
मेरे-तुम्हारे भीतर
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