बुधवार, 6 मई 2009

आओ अमित बनें

सिलीगुड़ी (दार्जिलिंग): मालदा स्थित गौर बंग विश्वविद्यालय के व्याख्याता डा. अमित भंट्टाचार्य आंख वालों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। नेत्रहीन होने के बावजूद उन्होंने महज एक वर्ष ग्यारह माह में पीएचडी कर दिखाया। इतना ही नहीं उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय की निगरानी में अपना शोध पूरा करने वाले डा. अमित के नाम कई अन्य उपलब्धियां हैं। उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के 41 वें दीक्षांत समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने उन्हें पीएचडी की उपाधि प्रदान की। डा.अमित रंटनायटिज पीगयेटोजा के शिकार हैं। अपने जीवन में आये इस तूफान को उन्होंने चुनौती के रूप में ली। फिर क्या था जीवन की कठिन डगर आसान बनती गयी और एक के बाद एक खड़ा हो गया उपलब्धियों का पहाड़। शिक्षा के प्रति लगन व कड़ी मेहनत का ही परिणाम था कि उन्होंने अलीपुरद्वार जंक्शन रेलवे हायर सेंकेंड्री स्कूल माध्यमिक व उच्च माध्यमिक की परीक्षा अच्छे अंकों से उत्तीर्ण किया। जब वह उच्च माध्यमिक की पढ़ाई कर रहे थे तभी रेटनायटिज पीगमेंटोजा के शिकार हो गये थे। इसके बावजूद उन्होंने अलीपुरद्वार कालेज में अपनी पढ़ाई जारी रखी। उसी कालेज से उन्होंने अंग्रेजी साहित्य में आनर्स किया और फिर वर्ष 1997 में उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर। स्नातकोत्तर में उन्हें प्रथम श्रेणी में प्रथम स्थान हासिल हुआ। वर्ष 2008 के दिसंबर में हई स्लेट परीक्षा में वे न सिर्फ उत्तीर्ण हुए, बल्कि विश्वविद्यालय के पहले रिसर्च फेलोशिप भी हुए। उन्होंने उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के डा. इरशाद गुलाम अहमद के अधीन पीएचडी पूरी की। उनके शोध का विषय था 'द पोयटिक्स आफ रेजीसटेंस : ए स्टडी आफ मारजीनल भ्वायसेस इन द पोयट्री आफ कमला दास'। आलोचक कवियत्री कमला दास की कविताओं को यौन वर्जनाओं का केंद्र मानते हैं। डा. अमित अपने शोध में इन धारणाओं को खारिज करते हुए दर्शाया कि उनकी कविताओं में आम जीवन की समस्याएं भी शुमार हैं। यह पूछे जाने पर कि सौ फीसदी दृष्टिहीन होने के बावजूद आपने किस तरह ये उपलब्धियां हासिल की, उन्होंने कहा कि हम बोलकर दूसरों से लिखवाते हैं। इस कार्य में उनकी पत्नी सौमा भादुड़ी भंट्टाचार्य का बड़ा योगदान है। वह उनकी सहपाठी भी रह चुकी हैं। वह यह जानते हुए भी कि डा. अमित सौ फीसदी दृष्टिहीन हैं, उनसे शादी की। सौमा कहती हैं कि मैं अमित को पाकर खुद को भाग्यवान समझती हूं।
http://in.jagran.yahoo.com/news/local/westbengal/4_13_5447602.html

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें