गुरुवार, 7 मई 2009

नकेल

संबलपुर। जिला प्रशासन के दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच तनातनी शुरू हो जाने से न्याय की आस लगाए आदिवासियों की चिंता बढ़ गयी है। भू-माफिया के लोगों ने गरीब आदिवासियों की जमीन फर्जीवाड़ा कर बेच दिया है। गरीब आदिवासी इसकी गुहार अतिरिक्त उपजिलाधीश व बंदोबस्त अधिकारी अशोक कुमार पुरोहित से करने के बाद घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। श्री पुरोहित पीड़ितों को न्याय दिलाने की कोशिश कर रहे है, लेकिन इसी बीच जिलाधीश प्रदीप्त कुमार पटनायक ने उन पर लगाम कस दिया है।
जिलाधीश श्री पटनायक ने सदर उपसंभाग के तहसीलदारों और जिला ट्रेजरी अधिकारी को निर्देश जारी किया है कि चार मार्च, 2009 के बाद अतिरिक्त उपजिलाधीश के किसी भी आदेश का पालन नहीं किया जाये। जिलाधीश श्री पटनायक ने बताया है कि अतिरिक्त उपजिलाधीश का अन्यत्र तबादला हुआ है और उनके रीलिव होने के बाद के किसी भी आदेश का पालन नहीं किया जाए। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ महीनों के दौरान अतिरिक्त उपजिलाधीश श्री पुरोहित ने यहां करोड़ों रुपये के भूमि घोटाले का पर्दाफाश किया है। सरकारी दस्तावेजों में मृत बताकर गांगी मुंडा नामक एक महिला के जमीन हड़प लिए जाने की घटना उजागर कर उसकी जमीन की खरीद-फरोख्त को अवैध करार दिया है। उन्होंने सदर तहसीलदार को निर्देश दिया था कि गांगी मुंडा को उसकी जमीन का रेकार्ड दिया जाए। ऐसे में श्री पुरोहित के तबादले या उनका निर्देश नहीं माने जाने से यह मामला ठंडे बस्ते में जा सकता है। इसे लेकर भू-माफिया की फर्जीवाड़े का शिकार हुए आदिवासियों में न्याय मिलने को लेकर चिंता देखी जा रही है। इसी तरह एक और मामला इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। जिला का एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आपस में मिलने से कतराने लगे है।

http://in.jagran.yahoo.com/news/local/orissa/4_14_5449087.html

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